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Publish Date: 15-04-2013
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में नवनियुक्त मुख्य सेविकाओं का ‘‘इडक्शन प्रशिक्षण’’ कार्यक्रम प्रारम्भ
दिनांक 15.04.2013 से निदेशालय, आर्इ0सी0डी0एस0, निकट नन्दा की चौकी, विकासनगर रोड़, सुद्धौवाला, देहरादून में 124 नवनियुक्त मुख्य सेविकाओं का 06 दिवसीय ‘‘इडक्शन प्रशिक्षण’’ प्रारम्भ किया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न विकासखण्डों में तैनात 47 मुख्य सेविकाओं द्वारा प्रथम बैच के प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए श्री सी0एस0 नपलच्याल, निदेशक/अपर सचिव, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास द्वारा कहा कि राज्य में कुपोषण एवं कन्या भू्रण हत्या की स्थिति अत्यन्त गंभीर है। राज्य का पिथौरागढ़ जनपद देश में सबसे कम शिशु लिगांनुपात वाले जनपदों में शामिल है यह उत्तराखण्ड के लिये एक विशेष विचारणीय मुद्दा है। नवनियुक्त मुख्य सेविकाओं को इन मुद्दों के प्रति संवेदनशील रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए निदेशक द्वारा यह बताया गया कि आर्इ0सी0डी0एस0 जन्म से 06 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं के विकास एवं स्वास्थ्य पर केन्द्रित एक बहुउद्देशीय कार्यक्रम है। हमे इन कार्यक्रमों को शासकीय कर्तव्य से अधिक एक नैतिक कर्तव्य के रूप में देखने की आवश्यकता है तभी हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 15.04.2013 से दिनांक 04.05.2013 तक 06 बैंच में संचालित होगा, जिसमें कुल नवनियुक्त 124 मुख्य सेविकाएॅ प्रशिक्षित की जायेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के सम्बन्ध में श्रीमती आशारानी ध्यानी सदस्य सचिव, राज्य महिला आयोग, सुश्री आरती बलोदी, राज्य परियोजना अधिकारी, उत्तराखण्ड महिला समेकित विकास योजना, श्रीमती क्षमा बहुगुणा, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं श्रीमती मुन्नी रावत, बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा अपने विचार रखें गये।